आज का दिन इतिहासिक हैं। रामलला का घर वापसी पूरे देशवासियों को खुशी प्रदान कर रहा।
जय श्री राम 🙏
आशा करता हुँ की आपने पहले के पोस्ट जरूर पढ़ें होंगे।
आज का दिन 22 जनवरी 2024 हमारे लिए बहुत ही खास हैं। कितने लोगों ने रामलला को मंदिर मैं विराजमान करवाने के लिए अपनी जाने गवाई। आखिर कार राम जी वापस अपने जगह पे आगए। ये बहुत ही बड़ी और अछि खबर है पूरे देशवासियों के लिए। आज का जो पूजा था जो कि हमारे प्रधानमंत्री द्वारा सम्पन हुआ वो इस कलयुग का सबसे बड़ा पूजा होसकता।
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर स्वतंत्र देव सिंह ने भगवान राम की पूजा अर्चना कर की आरती
अयोध्या में आज सोमवार 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई. भगवान श्रीराम के विराजमान होने को लेकर पूरे देश में काफी ज्यादा उत्साह है. वहीं राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजधानी लखनऊ में हनुमान सेतु मंदिर के राम दरबार में भगवान श्रीराम का श्रृंगार कर पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना कर आरती की. इसके साथ ही भक्तों ने उत्साहित होकर जय श्री राम के खूब जमकर जयकारे लगाए.
गृह मंत्री ने ‘एक्स’ पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “जय श्री राम – … 5 सदियों का इंतजार और वादा आज पूरा हुआ।” आज, रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान देखकर, भगवान राम के अनगिनत भक्तों द्वारा महसूस की गई भावनाओं को मैं साझा करता हूं। इस गहन अनुभूति का वर्णन करना शब्दों की पहुंच से परे है।
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि इस क्षण तक की यात्रा पांच शताब्दियों तक चली और चुनौतियों के बावजूद राम जन्मभूमि पर मंदिर के पुनर्निर्माण की प्रतिबद्धता अटल रही। उन्होंने उन व्यक्तियों के बलिदानों को स्वीकार किया, जिन्होंने अपना जीवन इस उद्देश्य के लिए समर्पित कर दिया, अपमान और यातनाएँ सहन कीं, फिर भी अपने धार्मिक अनुसरण में अटल रहे।
विश्व हिंदू परिषद, कई पूज्य संतों और अनगिनत ज्ञात और अज्ञात व्यक्तियों को श्रद्धांजलि देते हुए, शाह ने भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर के सफल निर्माण में उनके सामूहिक प्रयासों की परिणति पर प्रकाश डाला। उन्होंने पुष्टि की कि यह विशाल मंदिर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और शाश्वत संस्कृति के कालातीत प्रतीक के रूप में खड़ा रहेगा।
घर पर ऐसे करें भगवान राम की पूजा
- आज प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन आज प्रातः काल में स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- उसके बाद रामलला की मूर्ति या तस्वीर को एक लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें।
- उसके बाद पंचामृत से रामलला स्नान कराएं। फिर जल से भगवान राम का अभिषेक करें।
- रामलला को वस्त्र पहनाएं, चंदन से तिलक करें। इसके बाद फूल, माला से उनका श्रृंगार करें।
- फिर रामलला को अक्षत्, फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी के पत्ते, गंध आदि अर्पित करें।
- उनको आप सुगंधित लाल, पीले, सफेद पुष्प अर्पित कर सकते हैं।
- वहीं प्रसाद के रूप में आप रामलाल को रसगुल्ला, लड्डू, हलवा, इमरती, खीर आदि का भोग लगा सकते हैं।
- साथ ही पूजा के दौरान राम नाम का जप करें और घी के दीपक या कपूर से उनकी आरती करें।
भगवान राम पूजा मंत्र
- ऊं रामचंद्राय नमः
- रां रामाय नमः
- ऊं नमो भगवते रामचंद्राय
भगवान राम की आरती
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
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