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दिवाली मानाने जयपुर से दिल्ली कैसे गया? Story Number 5th

जय श्री राम🙏


सभी को सादर प्रणाम। आशा है आपने पहले की पोस्ट जरूर पढ़ी होगी। आपको पता ही होगा कि कॉलेज मैं दिवाली की छुटिया होगयी हैं और मैंने कोरोना का वैक्सीन का दुसरा डोज़ लिया हैं। वैक्सीनेशन करवाने बाद घर आके मैं थोड़ा देर सोगया। दिल्ली से दीदी का कॉल आता है कि रात मैं ही निकल जाना सही रहेगा। मैंने अपना बैग तयार कर लिया और फिर रूम के बगल मैं ही एक सैलून था वहाँ जाकर बाल कटवाया । बाल तो मेरे छोटे ही थे पर मेरे घर के लोग बिना बात का बात बनाने मैं बहुत आगे रहेते है। बाल कटवाते हुए मैंने भइया से पूछा के भइया दिल्ली जाने के लिए बस कहाँ से मिलेगी? और क्या बस रात भर मिलती हैं? उन्होंने बोला हन छोटू रात भर बस सिंधी कैम्प के पास से तेरेको मील जाएगी दिल्ली के लिए। फिर मैं रूम आकर नहाके तयार होगया और नीचे जाकर पराठा खाके उपर आके बैग लेके निकल गया। मै नीचे गया वहाँ मैं बाइक ऑनलाइन बुक कर रहा था तब तक मेरे रूम के बगल वाले भइया आगए उन्होंने बोला रात को क्यों जा रहा हैं तू? पहले कभी गया है क्या अकेले? मैंने बोला नहीं। उन्होंने बोला संभाल कर जाना तब तक बाइक आगई। फिर मैं वहाँ से निकल गया । एक घंटे के भितर मैं बस स्टैंड पहुँच गया। रोड पे बी बहुत बस लगी हुई थी मैं टिकट लेके बस मैं बैठ गया। बैठने बाद मैंने पापा को कॉल करके बता दिया कि बस मैं बैठ गया हूं। पापा ने पूछा बुखार तो नही ना आया है अभी तक? दवा खाया था ना? मैंने बोला नहीं बुखार नहीं आया हैं और दवा मैंने खा लिया था। पापा ने बोला ठीक से जाना पहुँच कर कॉल करना। मैंने बोला ठीक हैं। पापा से बात करने के बाद मैंने भइया को मैसेज कर दिया कि मैं बस मैं बैठ गया हूँ। वो नाईट शिफ्ट मैं काम करते थे । मुझे बुखार भी आगया था और पूरे शरीर मैं दर्द होरहा था। मैं बस मैं सोने का कोशिस कर रहा था पर सो नहीं पा रहा था। भइया रात मैं मैसेज देखने बाद कॉल करते है और बोलते हैं बस स्टैंड पहुँच कर कॉल कर देना मुझे। मैन बोला ठीक हैं। मैं सुबह 6 बजे स्टैंड पहुँच गया। बुखार और तेज़ होगया था। पापा को कॉल करके मैंने बोल दिया कि बस स्टैंड पहुँच गया हूँ मैं। उन्होंने पूछा कैसे हो? मैंने बोला ठीक हु पापा उन्होंने कहा ठीक है फ़्लैट पर पहुँच कर कॉल करने औऱ आराम करना। भइया ने पहले मुझे बोला कि ऑनलाइन कैब बुक कर लो हो जाएगा ना? मैंने बोला ठीक हाँ होजायेगा। लेकिन मेरे बुक करने से पहेले ही भइया ने बुक कर दिया था । कैब वाले भइया मुझे 10 मिनट के बाद मिले । मैं बैठ गया कैब मैं। बस स्टैंड से भइया का घर 37 किलोमीटर दूर था। भइया आधा से ज्यादा समय मेरे से कॉल पे ही बात कर रहे थे। मेरे अपार्टमेंट पहुँचने से पहले वो नीचे आगए थे। उन्होंने कैब का पैसा ऑनलाइन दे दिया था। वो मुझे लेके फ्लैट कि तरफ जाते है और पूछते है और याद है न फ्लैट किधर हैं । मैं हश्ते हु बोलता हूं हाँ थोड़ा- थोड़ा याद है। फ्लैट के अंदर जाने के बाद सबको प्रणाम करके मैं फ्रेश होने चला गया। भइया नाईट शिफ्ट करके आये थे तो वो सोने चले गए।
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